नमस्कार दोस्तों,
आपके मोबाइल का चार्जर हमेशा के लिए चेंज होने वाला है हां दोस्तों सरकार के द्वारा कुछ इसी तरह का फैसला लिया जा रहा है।आज के युग को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा की ई वेस्ट अर्थात इलेक्ट्रॉनिक कचरा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।इस पर सरकार के एक निर्णय से क्रांति होने वाली है। यदि मैं कहूं की आपके मोबाइल और हमेशा के लिए चेंज होने वाला है अर्थात जो इंसान यूएसबी सी टाइप चार्जर का इस्तेमाल नहीं करता है वह भी यूएसबी सी टाइप चार्जर का इस्तेमाल करेगा।
भारत में यदि लैपटॉप और मोबाइल एक ही चार्जर हो जाए यदि इंडस्ट्रीज टाइप सी चार्जर का इस्तेमाल करेगी तो इससे सबसे बड़ा फायदा ई वेस्ट पर होगा जिससे अलग-अलग कंपनियों के मोबाइल के द्वारा चार्जर पिन के लिए भिन्न-भिन्न वायर का उपयोग जो हो रहा है वह निश्चित रूप से कम होगा जिससे आसानी से वायर के द्वारा होने वाला खर्चा भी बचेगा।
Table of Contents
TYPE C
अलग-अलग मोबाइल और लैपटॉप कंपनियां अपने डिवाइसेस में अलग तरह के चार्जर और चार्जिंग पोर्ट का इस्तेमाल करती हैं कोई Type C चार्जर यूज करता है तो कोई Pin तो कोई Type D :- iPhone में तो अलग ही प्रकार का चार्जर इस्तेमाल कर रही है।पर यूरोपीय देशों में Universal Charger Norm लागू हो चुका है. जहां सभी कंपनियों को अपने गेजेट्स में सिर्फ सी टाइप चार्जर लगाना पड़ता है Apple के i- phone को भी अब अपने चार्जिंग में टाइप सी चार्जर देना होगा और अब यही कानून भारत में लागू होने वाला है।
CHARGER TYPE –
source_https://www.allaboutcircuits.com/
एक ही चार्जर अब मोबाइल और लैपटॉप में –
भारत में अभी तक स्मार्टफोन और लैपटॉप के लिए अलग-अलग चार्जर लेने की परेशानी खत्म होने वाली है. देश में जल्द Universal Charger Norm लागू होने वाला है। अब भारत में बिकने वाले सभी तरह के स्मार्ट डिवाइसेस के लिए USB Type C चार्जर का इस्तेमाल करना होगा और इसके लिए सभी कंपनियों की सहमति भी मिल गई हैl
उपभोक्ता मामले के सचिव रोहित कुमार सिंह ने अपने व्याख्यान में कहा है कि स्टेकहोल्डर ने स्मार्ट डिवाइसेस के लिए कॉमन चार्जिंग पोर्ट पर सहमति जताई है। इसी के साथ भारत में Universal Charger Norm भी भारत में जल्द ही लागू होगा।
यह नियम के लागू होने के बाद E-Waste में भारत में कमी आएगी। भारत में हर साल 5 मिलियन किलो ई वेस्ट निकलता है जिसमे केबल और चार्जर की मात्रा सबसे ज़्यादा हैं यह बताया जाता है। Universal Charger Norm लागू होने से लोगों को हर बार नया चार्जर नहीं लेना होगा। एक ही केबल से सभी मोबाइल और लैपटॉप चार्ज हो सकेंगे। जो की काफी खुशी की बात है।
एप्पल को भी मानना पड़ेगा नियम-
एप्पल कंपनी का चार्जर काफी अलग होता है जो सिर्फ iPhone में ही इस्तेमाल होता है. लेकिन EU के निर्देश के बाद एप्पल ने अपने iPhone 15 में Type C चार्जिंग पोर्ट लगाने के लिए कहा है। बताया जाता है की i phone में पूर्व सी टाइप चार्जर लगाया जाता था पर अपनी कम्पनी का प्रचार के लिए अलग चार्जर लगाया गया था। भारत में भी आगे से जितने भी नए स्मार्टफोन और अन्य स्मार्ट गैजेट बेचे जाएंगे उनमे Type C का ही इस्तेमाल होगा। जो की बजट में सस्ते होते है।
सबसे पहले यह मुद्दा यूरोपियन यूनियन ने उठाया क्योंकि वहां पर ई – वेस्ट का कचरा ग्यारह हजार टन सालाना निकलता है ।देशों का कहना है कि आज का युग टाइप सी का योग है और सभी कंपनियों को अपने डिवाइस का चार्जर पॉइंट type-c करना होगा जिससे सामान्यतः है ई वेस्ट को खत्म तो नहीं किया जा सकता पर कम जरूर किया जा सकता है।
चीन के बाद भारत सबसे बड़ा ई वेस्ट करता है।
G20 सम्मिट में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर भी बात की उन्होंने पर्यावरण को प्राकृतिक जन आंदोलन कहा LiFE – LiFE Style For The Environment