नमस्कार दोस्तों ,
भारत-अमेरिका के सैन्य अभ्यास से चीन बोखलाया। अमेरिका ने उत्तराखंड में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास भारत के साथ चल रहे युद्धाभ्यास पर चीन की आपत्तियों का करारा जवाब देते हुए कहा कि वो भारत के साथ खड़ा है। भारत में अमेरिका की राजदूत एलिजाबेथ जोन्स ने कहा कि इससे उनका यानी चीन का कोई लेना देना नहीं है। दरअसल, उत्तराखंड के औली में भारत और अमेरिका के संयुक्त युद्ध अभ्यास को लेकर चीन ने आपत्ति जताई थी।

चीन ने कहा था कि भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब अमेरिका के साथ युद्ध अभ्यास कर रहा है जो कि 1993 और 1996 में भारत के साथ हुए समझौते का उल्लंघन है। इस पर भारत ने भी दो टुक में जवाब देकर कहा था कि भारत जिसके साथ चाहे सैन्य अभ्यास कर सकता है। इस मुद्दे पर किसी तीसरे देश को वीटो नहीं दे सकता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि संयुक्त अभ्यास का चीन के साथ हुए 1993 और 1996 के समझौतों से कोई लेना-देना नहीं है। बागची ने कहा, चीन को 1993 और 1996 के समझौतों को लेकर खुद किए गए उल्लंघन के बारे में सोचने और समझने की जरूरत है। बता दें कि बीजिंग के साथ 1993 का समझौता वास्तविक नियंत्रण रेखा और आस-पास के क्षेत्रों में शांति बनाए रखने से जुड़ा है।
बॉर्डर से 100 किलोमीटर दूर सैन्य अभ्यास
भारत वर्तमान में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से लगभग 100 किलोमीटर दूर उत्तराखंड के औली में अमेरिका के साथ अपना 18वां संयुक्त युद्ध अभ्यास कर रहा है । इस मुद्दे पर बयान देने के बाद अमेरिकी दूत ने कहा कि पिछले 7 सालों में बिजनेस बढ़ा है और ये दोगुना यानी 157 अरब डॉलर का हो गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे में मुझे नहीं लगता कि हमें व्यापार सौदे की आवश्यकता है। इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई है।

भारत ने दिया चीन को जवाब –
भारत ने चीन को जवाब देते हुए कहा था कि भारत का अमेरिका से संबंध है और इस पर कोई तीसरा देश वीटो नहीं कर सकता। अमेरिका ने भारत के साथ चीन के मामलों में दखल नहीं देने की चेतावनी पर कहा कि इस पर कुछ नहीं कह सकते हैं क्योंकि, उन्हें कोई धमकी नहीं मिली। बता दें कि चीन ने अमेरिकी अधिकारियों को चेतावनी दी थी कि वो भारत और चीन के संबंधों के बीच में न आएं।
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