नमस्कार दोस्तों,
दिल्ली हाईकोर्ट अपने फैसले में यह तय करेगा कि केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना सही है। या फिर नहीं है क्योंकि याचिकाकर्ता ने इस योजना से जुड़े कई मुद्दे अधिसूचना और अभ्यार्थियों के भविष्य और उस पर पड़ने वाले असर को मुद्दा बनाते हुए याचिका को दाखिल किया था। केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार ने अपने फैसले में यह तय करेगा कि केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना सही है या फिर नहीं है। क्योंकि याचिकाकर्ता ने इस योजना से जुड़े कई मुद्दे अधिसूचना और अभ्यार्थियों के भविष्य और उस पर पड़ने वाले असर को मुद्दा बनाते हुए याचिका दाखिल की गई थी। सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार ने अग्नीपथ योजना का समर्थन किया है। अब इस मामले पर फैसले की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। 2 दिन चली सुनवाई के दौरान एडीशनल सॉलीसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने इस स्कीम के बारे में हाईकोर्ट में कहा कि यह पहली बार है कि युवा लड़कियों को भी सेना में शामिल किया जा रहा है। हम इस पर भी ध्यान दे रहे हैं अग्नि वीरों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की सेवा में 10% आरक्षण मिलेगा कौशल विकास मंत्रालय भी इस अग्नि कर्मियों की स्किल मैपिंग कर रही है। IGNOU से एक MOU साइन किया गया है इसके तहत अग्नि वीरों को डिप्लोमा या 6 साल की डिग्री दी जाएगी अग्निवीर 4 साल खत्म होने के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी रख पाएंगे।
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एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने क्या कहा-
एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि सेना में तो रसोइयों को भी जंग के लिए प्रशिक्षित किया जाता है उनके कौशल की मैपिंग की जा रही है हम अभी इस काम कर रहे हैं। इसको लेकर अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है अग्नि वीरों के लिए तीसरा पहलू वित्तीय सहायता होगा सरकार ने मुद्रा स्कीम के तहत एक योजना पर हस्ताक्षर किया है जिसके तहत ऋण और वित्तीय सहायता प्राथमिकता के आधार पर दी जाएगी। अग्निवीर योजना का बचाव करते हुए केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि देश की रक्षा का विषय संप्रभुता से जुड़ा है सशस्त्र सुरक्षा बल को ज्यादा विस्तार मिलना चाहिए केंद्र ने कहा कि हम इस योजना के तहत पंजीकरण का विस्तृत ब्यौरा अपने हलफनामे में देंगे। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि आपको बताना होगा कि पंजीकरण के बाद आप अग्निवीरों को क्या-क्या सुविधाएं किन किन शर्तों पर देंगे क्या वह रोजगार और नियुक्त कानून के तहत होंगे हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार तो यह कह रही है। कि राज्य सरकारें पुलिस सेवा में भी अग्नि वीरों को आरक्षण देगी कुछ राज्यों ने तो नियुक्ति योजनाओं की घोषणा भी कर दी है।
याचिकाकर्ता ने क्या कहा-
याचिकाकर्ता ने कहा कि अग्निवीर सेवा प्रशिक्षण के दौरान कोई जोखिम हुआ तो प्रशिक्षण के मामले में रिस्क किसको ज्यादा रहेगा जवानों पर यह सेना पर हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही। याचिकाकर्ता ने कहा कि उसमें कमी आ रही है अगर अग्नि वीर सेना के साथ काम कर चुके हैं तो उन्हें सेना के गुप्त ठिकानों और राज का भी पता रहेगा अभी तक सेना के जवान तो ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट के तहत शपथ लेते थे और उन से बंधे हुए थे लेकिन क्या यह भी ऐसे ही होंगे लेकिन सरकार तो कह रही है कि वह इस बारे में काम कर रही है। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से कहा है कि इस साल अगस्त तक तो सरकार ने अपनी अग्नि भी नीति को लेकर कोई अधिसूचना जारी नहीं की थी अब नीति का निर्णय ना होने से हम पर ही असर पड़ रहा है हमारी उम्र निकलती जा रही है।
याचिकाकर्ता दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष कार्यवाही-
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 19 जुलाई को अग्निवीर योजना को चुनौती देने वाले सभी जनहित याचिकाओं को दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रांसफर करने का निर्देश दे दिया था न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की एक पीठ ने केरल पंजाब एवं हरियाणा पटना और उत्तराखंड उच्च न्यायालय में भी इस योजना के खिलाफ दायर की गई सभी जनहित याचिकाओं को दिल्ली हाई कोर्ट ट्रांसफर करने की या उस समय तक इन पर फैसला निलंबित रखने को कहा जब तक दिल्ली हाईकोर्ट इस पर निर्णय नहीं कर लेता इसके अलावा पीठ ने कहा था कि इन चार हाई कोर्ट ओं के समक्ष याचिकाएं दायर करने वाले याचिकाकर्ता दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष कार्यवाही में पक्षकार बनने का विकल्प चुन सकते हैं।
उम्मीद करता हूं आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी ऐसी ही जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहे।